The School Weekly 26th October 2020

 Virtual School Functioning
Academics
Eight Students of Class IX- XII participated in the Virtual Melange Art Festival organized by Mayo College Girls’ School, Ajmer on 22nd October’20

Students have registered for Webinar by Prof. H.C Verma on topic "Natural Process of Learning"

Soumyajeet Solanki/ VI has been conducting live sessions for students of Government School in Bihar on the topic "Solar System".
My Good School Activities
Sports Quiz, GK Quiz, Personal Hygiene & Health Awareness Projects, live Tinkering sessions are the part of My Good School Activities. 
Professional Development
Educators of Pre-Primary and Primary Section are working of Thinglink.com to prepare their lesson plans.
Video-powered professional learning strategy; Educators are communicating to finalize the strategy for preparing the video on the second chapter of Anupam Sibal's book 'Is Your Child Ready to Face the World'.
Edthena: Two videos on Ch-2 Beating the Odds have been uploaded on Edthena and remaining will be uploaded soon.  
Posts from our Educators
प्रतिकूल परिस्थितियों में सामना करना
समय एक सा नहीं रहता, हर पल कुछ अलग होता है। कभी हमारे पक्ष में रहता है तो कभी संकट लेकर उपस्थित रहता है। ऐसे में व्यक्ति को आत्मविश्वास, कठिन परिश्रम, सहयोग और स्वयं के मार्गदर्शन की आवश्यकता रहती है।  ऐसी परिस्थिति में कभी उहापोह वाली स्थिति ना बनने दें। 
यह भी संभव है कि हर रोज हम कई परिस्थितियों का सामना करते हैं तथा उसका मुकाबला भी करते हैं। परंतु कभी बड़ा संकट सामने आ जाए तो हार मान जाते हैं। ऐसे कई उदाहरण पढ़ने को मिले, जिससे प्रतिकूल परिस्थितियों में भी सामना करने की प्रेरणा मिलती है। कई सारी बातें या घटनाएँ हमारे सामने प्रत्यक्ष घटित होती है। 
ऐसी ही एक घटना का जिक्र करना चाहूँगा। स्कूल के वार्षिकोत्सव का समय था, प्रदर्शनी के लिए परियोजना कार्य चल रहा था। एक बालक को कुछ मिट्टी की मूर्तियाँ बनाने को कहा गया था। किंतु वह बालक बना नहीं पा रहा था या उसकी बनी मूर्तियाँ उपयुक्त नहीं थी। ऐसे में उसे यह कार्य करने से मना कर दिया गया। किंतु रविवार के अवकाश के पश्चात जब वह स्कूल आया तो पहले से काफी सुंदर मिट्टी की मूरत उसके हाथों में थी। 
पूछने पर पता चला अवकाश के पूरे दिन वह बार-बार इसका अभ्यास करता रहा और अंत में परिणाम सामने था। वह कोई मूर्तिकार नहीं था या किसी से मदद नहीं मिली किंतु स्व-प्रेरणा से उसने यह काम पूरा किया। मनोयोग से था आत्मविश्वास के साथ किया गया कार्य निश्चित रूप से सफलता दिलाता है। 
यह बात एक बालक की थी, यह उसके लिए एक बड़ी चुनौती थी परन्तु निश्चित रूप से बड़ों के सामने विकट समस्याएँ आ जाती है परंतु इन समस्याओं को हमें खुद को ही दूर करने का प्रयास करना होगा। कहा गया है “मन के हारे हार है मन के जीते जीत।” इसलिए मन से हार नहीं माननी चाहिए बल्कि यह विश्वास रखें कि निश्चित रूप से जीत हमारी होगी। 
कई दिव्यांगजन हार न मानकर प्रतिकूल परिस्थितियों में भी अपने अनुकूल वातावरण तैयार कर लेते हैं। कई बार तो इन्हें किसी की मदद भी नहीं मिलती, फिर भी जीवन से हार  न मानकर लड़ते जाते हैं। हमें भी लड़ना है तथा जीवन में आने वाली ऐसी प्रतिकूल परिस्थितियों में तटस्थ रहकर उचित निर्णय लेने की क्षमता का विकास करना है। धैर्य रखते हुए मानसिक संतुलन बनाए रखना है। तभी हम जीवन को सही मायने में दिशा दे पाएँगे।  
Krishan Gopal

Teamwork 
Teamwork is two or a lot of individuals move to realize a selected goal. It’s one among the foremost vital things that you simply have to be compelled to learn from childhood. When individuals add a bunch, the work gets divided. Hence, one person doesn’t have to be compelled to do all the work. This is often one among the options of operating in groups.
One of the teachings that they teach in school is cooperation. It’s a lesson that you simply ought to always remember in your life. you may have to be compelled to add teams in your life. If you ignore the expertise of cooperation, you may face millions of difficulties. In a company, while not cooperating, no work is accomplished. everybody works in teams; the quantity of labour that's accomplished is over what a private alone is able to do.
When everybody works in groups, they deliver the goods with all the goals that the organization functions on. It makes things easier for each person in a company. Therefore, operating in groups helps everybody within the company. Each person within the team relies on the opposite members of the cluster. you'll learn a lot of things from the opposite individuals on the aspect once you work along.
Jitendra Suthar

जीवन मे शिक्षा का महत्व 
इल्म, ज्ञान, शिक्षा व नॉलेज शब्द एक दूसरे के पर्यायवाची है। देखने में सभी शब्द बहुत छोटे हैं मगर इन्ही शब्दों के सहारे पूरी दुनिया चल रही है। यदि एक मिनट के लिए सोचा जाए कि दुनिया से इल्म या ज्ञान पूरी तरह से खत्म हो जाए तो क्या होगा ? तुम तुम्हारे और हम हमारे ! यानि किसी का किसी से कोई लेना-देना ही नहीं होगा। दुनिया पूरी जंगल बन जाएगी और फैल जाएगा जंगलराज। इसलिए इल्म या ज्ञान इंसान के लिए बेपनाह जरूरी है। एक सामान्य जिन्दगी जीने के लिए इंसान को रोटी, कपड़ा और मकान के अलावा अगर किसी चीज की सबसे ज्यादा जरूरत होती है वह है ज्ञान।  क्योंकि ज्ञान वह बैसाखी है जिसके सहारे इंसान,  इंसानियत का तरीका सीखता है। 
जाहिल इंसान और अनपढ़ इंसान जानवरों से बदतर जिंदगी गुजारते है।  जब तक इंसान के पास ज्ञान या इल्म नहीं है वह तरक्की की राह पर आगे नहीं बढ़ सकता है। मगर इल्म हासिल करने वाला अवश्य ही तरक्की की मंजिलों को तय करता हुआ बुलंदी हासिल करता है। यानि इल्म वो शमां है जो इंसान की जिंदगी की राह को रोशन करती है जिसके ज्ञान के ऊजाले के सहारे इंसान हर तरह से अपनी जिंदगी रोशन करता है। इसलिए इंसान को जहां से भी जो इल्म मिले उसे हासिल करते रहना चाहिए क्योंकि इल्म से ही बुलंदी नसीब होती है। इसलिए कहा गया है -
'खुदी  को  कर  बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले खुदा बंदे से खुद पूछे तेरी रजा क्या हैI'
ज्ञान वह इनवेस्टमेंट हैं जिसका मुनाफा जीवन के अंत तक मिलता रहता है। यानि दुनिया की हर वस्तु खर्च करने के बाद अवश्य खत्म होती है। मगर शिक्षा या इल्म ऐसा धन है जिसे जितना अधिक खर्च किया जाएगा वह उतना ही अधिक बढ़ता जाएगा । दुनिया की हर वस्तु की चोरी हो सकती है मगर ज्ञान ऐसा धन है जिसकी कभी चोरी नहीं हो सकती। ज्ञान में कमी तभी हो सकती है जबकि इसे खर्च नहीं किया जाए या इकठ्ठा  करके रखा जाए। इसलिए ज्ञान को बांटते व हासिल करते रहना जरूरी है।
आज के दौर की हर कौम के मुखिया के साथ-साथ परिवार के मुखिया के लिए यह जरूरी हैं कि वे खुद अगर अच्छी शिक्षा नहीं पा सके हैं तो कोई बात नहीं मगर अपने बच्चों को उन्हें पूरी कोशिश कर अच्छी शिक्षा देने के लिए आगे आना चाहिए। केवल सोचते रहने से कुछ नहीं होगा, आगे बढ़कर पहल भी करनी पड़ेगी। इस पहल को अंजाम देने के लिए चाहे घर में दो निवाले कम खाए मगर अपने बच्चों को जरूर पढ़ाए। क्योंकि
'सोचने से कहां मिलते  हैं तमन्नाओं के शहर, चलना भी जरूरी है मंजिल को पाने के लिए।'
*धन्यवाद*
उस्मान गनी

ग्लोबल वार्मिग 
पृथ्वी  की  सतह  पर  अधिक  तापमान  का बढ़ना  ग्लोबल वार्मिंग कहलाता  हैं   अर्थात  पृथ्वी  पर  लगातार  गर्मी  का होना  जलवायु  परिवर्तन  के  लिए  सबसे  अधिक  जिम्मेदार  ग्रीन  हाउस हैं। मानवीय गतिविधियों  के  कारण  धीरे-धीरे  तापमान  बढ़  रहा हैं  जो  हमारे  हिम  ग्लेशियरों  को  तेजी  से  पिघला  रहा  हैं, यह  पृथ्वी  के साथ-साथ  हमारे जीवन  के  लिए  भी  बहुत  हानिकारक  हैं। 
ग्लोबल वार्मिग  होने  के  अनेक  कारण  हैं जैसे  पेडों  की  अधिक  कटाई  ,ज्वालामुखी  विस्फोट एवं  आटोमोबाइल और  जीवाश्म  ईंधन  के  अत्यधिक  उपयोग  से कार्बनडाइआक्साइड का  स्तर  बढ़  रहा  हैं  इसी  तरह  मीथेन  भी  ग्लोबल  के लिए सबसे  अधिक  जिम्मेदार हैं। 
प्रत्येक  इंसान  का  कर्तव्य हैं  कि  इसको रोकने  के  लिए  कदम उठाए  इसके  लिए  सबसे  पहला  कदम  हैं हर  इंसान को अधिक  से अधिक  पेड़  लगाए  तथा  रीसाइक्लिंग  को  भी  प्रोत्साहित  किया  जाना  चाहिए।
Kusum Dangi

Frustration Barrier & ways to overcome it 
The Frustration Barrier; it is a barrier which does not allow you to get immediately to the point of your goal. When we try new things out of our comfort zone, it becomes a barrier for a specific time. The frustration barrier is usually for a short span of time. Once you overcome this barrier, you can actually start enjoying the learning process and have some fun. It is the only thing which is stuck in our mind. Until we do not stick to anything, obviously the things will not stick to us. Most likely things to get to know through this barrier is that it helps in our personal growth that occurs whenever we do things that are out of our standard set of mind.
From my point of view, it is not difficult to overcome this barrier, we just want to change our state of mind. A successful person always has an ability to face this barrier because we can't ignore it always, the one thing is to get to know clearly how we can face and fight with this barrier. If a person can handle this barrier, he/ she can enjoy the process of learning new things and gaining the benefits that come with being skilled in that area. Just keep some patience, not to burst out immediately or anger, just think out of things very peacefully. Obviously, who handles this situation is known as a successful person. Also, these people are generally much more developed as human beings as they have had more experiences from which they can use in their life. 
Unsuccessful people give up soon. They just don't think of themselves because of their low ability. I want to say that if there is any kind of barrier we must have that power of the ability to face it out and it is possible only when we divert our mind from the things that don't matter. Sometimes a person literally thinks about things very deeply that they are stuck on or stick on one thing. Like this, we can't get out of these types of barriers.
I have just learned or read from somewhere to deal with frustration and what works well for me and for you all also,  here are a few things you can do: 
Take some deep breath - Deep breathing can help slow heartbeat and lower blood pressure, diminishing the negative thoughts of the stressful emotion. 
Work on something else - like your frustrating day, do something enjoyable. Listen to music, play games and read books. 
Watch a comedy, talk with friends. Hobbies are also useful. Do what you like. My best way to divert my mind is to paint or to draw because when we do some work that we like, our concentration is full-on that thing only and we just forget to deal with our destructive emotions that we are facing.
Content source - https://www.scotthyoung.com/blog/2006/02/23
Richa Solanki

धैर्य 
धैर्य हमारे जीवन में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है यदि हम अपने जीवन में धैर्य रखते हैं तो बहुत कुछ प्राप्त कर सकते हैं, यहां तक की बड़ी से बड़ी सफलता भी हम धैर्य रखकर प्राप्त कर सकते हैं बहुत सारे लोगों ने यह साबित किया है कि धैर्य रखकर हम अपने सारे सपनों को भी पूरा कर सकते हैं हम कोई कार्य शुरू करते हैं उसमें हमको बार-बार असफलता मिलती है तो हम उस कार्य को बीच में ही छोड़ देते हैं यानी हम  धैर्य नहीं रखते हैं तो हमको उसका कोई परिणाम नहीं मिलता है | 
लेकिन यदि हम बार-बार अपने कार्य को करते रहते हैं, तो निश्चित ही सफलता प्राप्त होती है यदि हमारे पास कार्य करने का सही तरीका और हमने लगातार प्रयास किया है तो हमें सफलता पाने से कोई नहीं रोक सकता है | जिंदगी में हमें हर किसी की जरूरत पड़ती है साथ में धैर्य की भी आवश्यकता पड़ती है क्योंकि किसी भी कार्य में सफलता हमेशा समय से पहले नहीं मिलती है | यदि हम बिल्कुल भी धैर्य नहीं रखेंगे और समय का इंतजार बिल्कुल भी नहीं करेंगे तो हम जीवन में पीछे रह जाएंगे | हमें अपने जीवन में यह सोचने की जरूरत है कि क्या  हम वह कार्य सही दिशा में कर रहे हैं, सही तरह से कर रहे हैं तब हमको सफलता जरूर मिलेगी धैर्य के बिना जीवन में किसी बड़े कार्य में सफलता नहीं मिल सकती  है | 
हम कोई बिजनेस शुरू करते हैं और यदि हम उस में तुरंत ही सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो यह संभव नहीं है | हमको उस बिजनेस को समझने की जरूरत है, उस बिजनेस के हर पहलू के बारे में समझ कर यदि हम बिजनेस को करेंगे तो हमको सफलता मिलेगी इसके लिए हम को कुछ समय तो जरूर ही देना पड़ेगा इसका मतलब है हमको धैर्य जरूर रखना पड़ेगा | धैर्य के बगैर कुछ भी बड़ा हम अपने जीवन में नहीं कर पाएंगे | मानव जाति में  धैर्य की बहुत आवश्यकता होती हैं इसलिए सभीी को धैर्य रखकर कार्य करना चाहिए  जिससे हमारा हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है और हम अच्छा कार्य कर सकते है|
 जफर खान
Posts from our Students
Happiness
The key to happiness will always stay in doing what one wants . A great deal of individuals find themselves having a rueful life, stuffed with regrets; this happens as a result of them accepting one thing that they do not genuinely like. No matter what society imposes on us, we have a tendency to relish solely that makes us feel happy and joyous.
One cannot come through complete and untarnished happiness. Somebody can’t dwell during a state of utmost seventh heaven and happiness. All folks have our fair proportion of miseries and regrets in life. However there conjointly happens moments of indefinite and immeasurable joys. We must always take hold of those moments of joy and hold them wholeheartedly to own a cheerful life within the grand theme of things
Neeraj Suthar/ X

धैर्य की परीक्षा 
कोविड-19 एक महामारी बन गई और यह महामारी हमारे विश्व में कुछ इस तरह फैलने लगी जैसे समुद्र के पानी में विशाल तुफान आ गया हो। इसने हमारे देश में भी खतरनाक महामारी का रूप ले लिया अब यह हमारे देश में बहुत तेजी से फैल रहा है। इस वायरस का संक्रमण दिसंबर में चीन के वुहान में शुरू हुआ था और पर्यटको के द्वारा यह पूरे विश्व में फैल गया। भारत में भी आठ महीनों से ज्यादा का समय हो गया है। इसका किसी तरह अंत होता नज़र नहीं आता। यह बीमारी किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से होती हैं। 
इस सब के कारण दुनिया जैसे थम गई। स्कूल बंद है, खेलने की जगह बंद है साथ ही साथ मनोरंजन की जगह भी बंद है, यहाँ तक कि कोई उत्सव त्योहार भी नहीं मना पा रहे हैं। हालांकि, सरकार ने इनमें से कई जगह खुलवा दी है किंतु संक्रमण का खतरा अभी भी पूर्ववत ही है। माता-पिता भी नहीं चाहते कि बच्चों को खतरे में डाला जाए। परंतु यह स्थिति बच्चों के लिए काफी निराशाजनक है। बच्चों का काम है खेल-कूद और पढ़ना। बिना खेलकूद के बच्चों के शारीरिक विकास में बाधा आ सकती है। हमेशा चुस्त रहने वाले बालक अभी भी घरों में हैं। 
स्कूल और साथियों की बड़ी याद सताती है। एक लंबा अरसा हो गया इनसे मिले। जैसा कि बताया, बाहर जाने में कोई रोक टोक सरकार की तरफ से नहीं है परंतु माता-पिता किसी प्रकार से बच्चों को संक्रमित होने से बचाने का प्रयास करते हैं। उनका यह प्रयास प्रशंसनीय भी है क्योंकि छूट के दौरान लोगों ने इस महामारी को जैसे भुला दिया है। यह लापरवाही उनके लिए और परिवार के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। धैर्य रखना बहुत आवश्यक हो गया है, हो सकता है ईश्वर हमारे धैर्य की परीक्षा ले रहा हो। 
धैर्य का हमारे जीवन में बड़ा महत्व है। परंतु वर्तमान परिस्थितियों में इसकी सख्त आवश्यकता है। संयम से रहकर हम खुद को और परिवारजनों को संक्रमित होने से बचा सकते हैं। सामान्य दिनों में भी धैर्य रखना बहुत आवश्यक है। मुश्किल परिस्थितियों को धैर्य से समझ कर उसके अनुकूल निर्णय ले पाने में सक्षम हो सकते हैं। धैर्य न रखने पर हमारे निर्णय भी गलत हो सकते हैं। हो सकता है परिस्थितियाँ और ज्यादा विपरीत हो जाए। अपने पक्ष में परिणाम प्राप्त करने के लिए हमें धैर्य रखना ही पड़ेगा। 
बच्चों में धैर्य की कमी होती है किंतु यह एक ऐसा अवसर है जिससे इस मूल्य को विकसित किया जा सकता है। 
इस महामारी से बचने के दो ही उपाय हैं घर से बाहर न निकले और निकल जाए तो पूरी सावधानी से निकले ताकि यह वायरस हमारे परिवार और हमारे आस-पास के लोगों को ना हो। धैर्य पूर्वक रहे तथा स्वयं को सुरक्षित रखें यही सबसे महत्वपूर्ण है। 
Dhirendra Rathore / XII Science
Art Work by Mansi Kunwar/ Nursery
Volume No. 444  Published by The Editorial Board: Mrs Bharti Rao, Mr Krishan Gopal, Ms Swabhi Parmar,
Chief Editor: Diksha Choudhary, Secretary: Uma Choudhary, Joint Secretary: Mansi Choudhary, Editors: Anumesh Rao, Krisha Dave, Puran Choudhary, Jatin Tripash, Diksha Choudhary, Tammana Solanki, Uma Choudhary, Priyanka Deora, Krithika Rajpurohit, & Kunal Rajpurohit.

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