The School Weekly 28th September 2020

Virtual School Functioning
Academics
Half Yearly Exams completed in the Primary Section. They have started their Art Integrated Subject Enrichment Projects on Google Classroom

Half Yearly Exams for Class VI-XII got over on 26th September’20.
Students were trained with Use of Capacitors and Slide buttons on Tinkercad.com on 26th, September (3rd Session of “Learn Electronics at home” module.
 
Ronak Devda from Class XI - Commerce is Hosting a Photography Event On Instagram 

My Good School Activities
Sports Quiz, GK Quiz, Personal Hygiene & Health Awareness Projects, live Tinkering sessions are the part of My Good School Activities.

Professional Development
E-Learning for Educators:
4 Educators are getting Trained for Plezmo App development Course.
1 Educator is getting trained for Augmented Reality, Completed with Module 1. (4 Module Course)
 Educators had their II Session of PLP Cycle # World Ready on Saturday,26th September 2020 from 10.00- 11.30 am on Chapter- 2 Beating the Odds from Anupam Sibal's book' Is Your Child Ready To Face The World'.

Posts from our Educators
 लिखना 
लिखने की कला हर किसी में नहीं होती हैं और जिसमें लिखने का हुनर है दिमाग में उत्पन्न  विचारों कल्पनाओं को कागज पर  लिखने की कला है जब हम लिखने बैठते हैं तो हर पहलू के बारे में सोच कर उसे पूर्ण करना पड़ता हैं | लेखन शतरंज के खेल की तरह है, फर्क सिर्फ इतना है कि यहां आखिरी चाल सबसे पहले सूची जाती हैं | हमारे पास विचार हैं नहीं तो हम उन्हें लिखना चाहते हैं अगर हमने लिख रहे हैं तो उसके बारे में जानकारी पता करना पड़ती ही अच्छा लिखने के लिए हमारी जानकारी बिल्कुल सही होनी चाहिए बिना जानकारी या गलत लिखना हमें हंसी के पात्र बना देता है अत्यधिक विचारणीय लोग अकेले रहना पसंद करते हैं  अक्षर वो खुद से ही बातचीत करते रहते हैं ,सोचते रहते हैं | हमें बेहतर कार्य करने में मदद मिलती हैं जिससे हमारी सोचने,समझने और लिखने  का नजरिया बढ़ता है | लिखना एक माध्यम है जिसके द्वारा हमें अपने विचारों को उस व्यक्ति के पास पहुंच जाते हैं जो हमारे समक्ष नहीं होता है हमें अपने अनुभव को संजो कर रखना चाहिए हमें दूसरे लोगों से जुड़ने की कोशिश करनी चाहिए जिससे हमारे लिखने की क्षमता का विकास होता है हमें परिस्थितियों से निकलने के लिए यह समझना होगा कि बातचीत भी लेखन हैं | शुरुआती लिखने की कला का विकसित करने के क्रम में बहुत सारे बहुत सारे तरीके ऐसे हैं | जिससे वर्णमाला को जोड़ सकते हैं उससे संबंधित शब्दों को खोजने के लिए प्रेरित करता है उसे लिखने की बुनियादी कला में पारंगत हो जाते हैं | हमें व्यक्तियों  को लिखने के  बारे में प्रोत्साहित करना चाहिए हमें धीरे-धीरे अलग-अलग श्रोताओं के लिए अपने पसंद के शब्दों का चयन और उसका प्रयोग करना सीखना चाहिए  
जफ्फर खां
 
Positive Thinking 
People with positive thinking mentality scrutinize the brilliant aspect of life and anticipate happiness, health and success. Such folks, square measure assured that they'll overcome any obstacle and problem they could face.
Positive thinking isn't a thought that everybody believes and follows. Some, think about it as nonsense and scoff at those that believe it. However, there's a growing range of individuals, who settle for the ability of positive thinking as a reality and believe its effectiveness.
This subject is gaining quality, as proved by the various books, lectures and courses regarding it. To take advantage of the ability of positive thinking in your life, you wish to try and do over simply remember of its existence or believe it. you wish to adopt the perspective of positive thinking in everything you are doing.
With a positive perspective, we tend to expertise pleasant and happy feelings. This brings brightness to the eyes, additional energy, and happiness. Our whole being broadcasts sensible can, happiness and success. Even our health is affected by an exceedingly helpful means. we tend to walk tall, our voice is additional powerful, and our visual communication shows means we tend to feel.
Jitendra Suthar

नारी शिक्षा 
एक  सभ्य  समाज  का  निर्माण  देश  के शिक्षित   नागरिकों   द्वारा होता  हैं। और  इसमें  नारी का  अहम  हिस्सा हैं।  परिवार में मुख्य बिंदु  नारी  होती  है , यदि  एक नारी  शिक्षित  होती  हैं  तो  वह  पूरे परिवार  को  शिक्षित  कर सकती  हैं।  एक  बच्चे की  पहली  अध्यापिका  या गुरु  उसकी मां होती है , और  विद्यालय  उसका  घर  होता  है जो शिक्षा एक बच्चे को  उसकी माँ दे  सकती  हैं वो  उसे दुनिया  के  किसी  भी  विद्यालय  में प्राप्त नहीं हो सकते हैं। नारी का कर्तव्य  बच्चों  के पालन-पोषण करने  के अतिरिक्त  अपने  घर -परिवार  की  व्यवस्था  और  संचालन  करना  भी  होता  हैं। एक शिक्षित  और  विकसित  नारी  अपनी  आय  ,परिस्थिति  और  घर  के  सभी  सदस्यों  की  आवश्यकता  आदि  का  ध्यान  रखकर  उचित  व्यवस्था  और  संचालन  कर  सकती हैं। इसलिए  आज  के समाज  और  देश  के  लिए  विकास के लिए  नारी का  शिक्षित  होना  बहुत  आवश्यक  हैं।
Kusum Dangi

हमारे प्राचीन ग्रंथ 
वर्तमान में हम आधुनिक हो चले हैं, समय के साथ बदलना ठीक भी है। जो समय के साथ चलता है, वह सफल रहता है। रहने का ढंग बदल गया, खानपान बदल गया, हमारे तौर-तरीके और रीति-रिवाज भी बदल गए। बदलाव का यह दौर ऐसा चला कि हमने बहुत कुछ बदल दिया। कुछ जगह बदलाव नहीं होना चाहिए था, वहाँ भी बदलाव हो गया। समय के साथ बदलने का तात्पर्य है, हम भी जमाने की दौड़ में साथ रहें किंतु इसका अर्थ यह नहीं कि हमारा जिससे अस्तित्व है, वही समाप्त कर दिया जाए। 
हमारे प्राचीन ग्रंथों में एक से बढ़कर एक मूल्यों की बात कही गई है। आज इन्हीं मूल्यों का विघटन होते हुए देख रहे हैं। मूल्यों के विकास की चर्चाएँ की जाती है, छात्रों में मूल्य कैसे जागृत हो इस पर मंथन किया जाता है। साथ ही कई स्थानों पर इस पर टिप्पणियाँ भी की जाती है- पहले ऐसा होता था या वैसा होता था, अब नहीं होता। इन सबके लिए जिम्मेदार भी हम ही हैं। अपने ग्रंथों में दिए गए तथ्यों को पढ़ते नहीं या उन्हें स्वीकार करते नहीं क्योंकि हम बदल चुके हैं। 
 हमारे ग्रंथों ने हमें बहुत कुछ दिया है, इनमें जीवन मूल्य भी सम्मिलित है। कई बातों को पाप और पुण्य की अवधारणा से जोड़ दिया गया, जिससे मन में थोड़ा सा भय रहे और मनुष्य प्रकृति के साथ खिलवाड़ न करें या जीवन मूल्यों का त्याग ना करें। जब तक इन प्राचीन ग्रंथों को लोग श्रद्धा पूर्वक पढ़ते थे, उन पर मनन करते थे तब तक कभी सांप्रदायिक दंगों का नामोनिशान नहीं था। प्रकृति से खिलवाड़ नहीं होता था। यही कारण था कि उस समय कभी कहीं अनावृष्टि या अतिवृष्टि नहीं होती थी।
 इन प्राचीन ग्रंथों में धार्मिक ग्रंथ भी है, जिन्हें कोई पढ़ता नहीं है परंतु इनके लिए आपस में लड़ जाने के लिए तैयार रहते हैं। समाज को सही दिशा देने के लिए मनीषियों ने इन ग्रंथों की रचना की होगी, इनकी रचना में न जाने कितना समय तथा कितनी श्रम लगा होगा। हमारा काम तो सिर्फ इन्हें पढ़ना और अनुकूल वातावरण तैयार करना है। कुछ ग्रंथ तो हम पढ़ भी नहीं सकते क्योंकि वे जिस भाषा में लिखे गए हैं, वह हमारी समझ से दूर होती जा रही है। यह भी बदलाव का ही परिणाम है।
सीखो सब पर अपनी चीजों को, अपने वैभव को मत भूलो। आज यदि विश्व के साथ तालमेल रखना है तो हमें बहुत कुछ नया भी सीखना पड़ेगा। तभी हम विश्व में अपने देश को स्थान दिला पाएँगे परंतु ऐसा नहीं हो कि अपनी सभ्यता से मुँह मोड़ लें। अपने साहित्य पर हमें गर्व होना चाहिए, साथ ही  इनका अध्ययन भी करते रहना चाहिए।  कई सारे जीवन उपयोगी तथ्य हम अध्ययन मात्र से ही सीख जाएँगे।
Krishan Gopal
 
World Rivers Day 
It is not an unknown fact that the most important thing in our life is water. It is fuel for all the living things which reside on this planet, Earth. Denying the importance of rivers would be wrong, as they are vital for the irrigation of crops and the existence of life on Earth. Not only rivers support life to the organism inside it, but also to the species that reside outside it. Plants will fail to grow and die if they do not get enough water. The human body will not be able to function properly if there is no water for them to drink. We get all the water we have from rivers, as they are the only source of water.
Not only for drinking, but water is also one of the primary ingredients for cooking food. We get this water from rivers. The importance of rivers is much than we recognize in our lives, ranging from the drinking water that we have to the electricity-producing plants which power all the appliances we have in our lives. It would not be wrong to say that life will only continue to exist if there is a river flowing on this planet.
Nowadays rivers in virtually every country face an array of threats due to the growing pollution. So, to highlight the values of rivers in our life World Rivers Day is celebrated on the fourth Saturday of the month of September. It strives to increase public awareness and encourages the improved stewardship of all rivers around the world.
On this day many enhancement projects are carried out to clean the rivers. People do surfing, canoeing, water activities etc. to celebrate this day. I would like to quote that 'If you save water, water will save you' so save rivers which is an integral part of our life.
References: impoff.com & worldriversday.com
Bharti Rao

मेहनत करने से मिलती है मंजिल 
*दुनिया में हम आए हैं तो जीना ही पड़ेगा जीवन है अगर जहर तो पीना ही पड़ेगा*
हिन्दी जगत की मशहूर फिल्म मदर इण्डिया के गीत के मर्म को अगर गहराई से जानने की कोशिश करे तो हमें यह मालूम पड़ेगा कि जिन्दगी इम्तिहान का नाम है, संघर्ष का नाम है। ये इम्तिहान इंसान की जिंदगी में मां की गोद से शुरू होकर कब्र की गोद तक जारी रहते हैं। इंसान को हर दिन, हर पल किसी न किसी तरह के इम्तिहान या परीक्षा से गुजरना ही पड़ता है। कुछ लोग इन इम्तिहानों को हंसते-हंसते पार करते है और कुछ घुट-घुट कर इनका सामना करते हैं।
अक्सर देखने में आया हैं कि जिंदगी के इन इम्तिहानों में केवल दो ही तरह के लोग असफल होते हैं एक वे जो सोचते हैं पर करते कुछ नहीं और दूसरे वे जो करते तो बहुत है मगर सोचते कुछ नहीं। बिना सोचे विचारे किया काम कभी सफल नहीं हो सकता, क्योंकि बिन बारिस के मौसम के अगर खेत मे बीज डाले जाएंगे तो वे केवल कचरा ही बनेंगे। उन बीजों से अच्छी फसल की उम्मीद नहीं रखी जा सकती। इसलिए सही समय पर सोच-समझकर किया गया कार्य ही मंजिल की तरफ लेकर जाता है।
मुश्किलों  से  भाग  जाना  आसान  होता है,  हर  पहलू  जिंदगी  का  इम्तिहान  होता  है,                        
डरने वालों को मिलता नहीं कुछ जिंदगी में,  लडऩे  वालों  के  कदमों  में  जहान  होता है
यदि कड़ी मेहनत को हथियार बनाए जाए तो सफलता अवश्य ही हमारी गुलाम बनती है। हर रोज आकर हमें परेशान करने वाली मुश्किलें, नित-नई पैदा होने वाली समस्याएं, घनघोर बादल की तरह जिंदगी में भूचाल लाने वाली विपदाएं ही वो इम्तिहान है। जिसने इंसान को और अधिक संवारने का कार्य किया है। इतिहास गवाह है माजी (भूतकाल) में इंसान ने हर कदम पर इन मुसीबतों, समस्याओं और विपदाओं का हंसते हुए सामना किया है और इनका हल भी निकाला है। उसी के परिणाम के रूप में उस समय जो समस्याएं थी आज हमारे लिए विज्ञान के आविष्कार बन चुकी है। जिनके बिना आज हमें हमारी जिंदगी अधूरी लगती है।
हिम्मत करने वालों के नसीब एक न एक दिन अवश्य बदलते हैं। जिंदगी में मुसीबतों के सामने कभी घबराना नहीं चाहिए बल्कि उसका डटकर मुकाबला करना चाहिए, संघर्ष कर सफलता तक पहुंचने वाले को दुनिया हमेशा सलाम करती है। इंसान को जिंदगी में हर लम्हा संघर्ष करते रहना चाहिए। क्योंकि सोना जितना आग में तपता है, उसकी चमक उतनी ही तेज होती है। इसीलिए इंसान को लगातार प्रयास करते ही रहना चाहिए। कहा भी गया है -
तेरे गिरने में तेरी हार नहीं है, तू इंसान है कोइ अवतार नहीं है, गिर, उठ, चल, दौड़, फिर भाग, जिंदगी संक्षिप्त है इसका कोई सार नहीं है।
उस्मान गनी

Posts from our Students
 Analysing and Reevaluating policies for Healthcare Workers 
Large health care institutions may be the most complex in human history and small health care organizations are barely manageable. The Indian government has given an ordinance that makes violence against Healthcare workers a non bail able offence punishable by up to 7 years imprisonment Ahmed concerns that covid-19 pandemic has stayed and upsurge of such targeted violence
The ordinance which  amends  epidemic disease  act 1897 and seeks to protect doctors nurses and paramedical staff from harassment or any physical injury -signals the government's zero tolerance of violence against healthcare services.
The move amid India's rising covid-19 count follow multiple incidents of violence and harassment of doctors and Healthcare workers engaged in covid-19 care of contact tracing in demand from IMA Indian Medical Association for protective legislation.
The resident doctors in some government hospitals in Delhi who have raised concerns about shortage of personal protective equipment PPT of complaint about hostile hospital administration.
In the central Indian town of Indore Healthcare workers engage in contact tracing were attacked by a mob. On 19 April a mob in the city of Chennai attack and ambulance carrying the body of neurosurgeon who died after contacting covid-19.
If dignity is denied even in death our patience and restraint lose their value. Attribute search in violence against him care workers to a mix of ignorance and fear are amplified by pandemic. Pradeep Kumar and Orthopedic surgeon Chennai work with neurosurgeon who died told " attacks on doctors has been a long standing problem in this country “even before the pandemic.
The government has only amended epidemic act we need stick permanent and strong the first legislation. From these all examples I want to conclude that though there were many policies amended ,the health care are not feeling free and safe. And these all clearly clarified by my examples.
Vipul dave / XI Science 
मोबाइल और लॉकडाउन
अपनी बात की शुरुआत मैं एक लाइन से करूँगा कि मोबाइल हमारे अकेलेपन को दूर करने आया था परंतु इसने हमें सबसे अलग कर दिया। जब मोबाइल का आविष्कार हुआ तब यह सिर्फ बात करने के काम में आता था और अब इससे हम बहुत सारे कार्य कर सकते हैं जो कि एक अच्छी बात है। यह अब हमारे जीवन का एक अनिवार्य अंग बन गया है। इसके फायदे तो सबको पता है परंतु कोई इसके नुकसान पर बात करना पसंद नहीं करेगा। 
कोरोना महामारी से पहले तो यह सब ठीक था पर अब लॉकडाउन के कारण हर तरह की स्थिति में बदलाव आ गया है। पहले लोग जब अपनी अनिवार्य गतिविधियों से मुक्त होते तो मोबाइल लेकर बैठ जाते थे। इनमें से कुछ अपने काम से तो कुछ बिना किसी काम के बस मनोरंजन के लिए बैठ जाते थे। एक हद तक तो ठीक परंतु मनोरंजन ही चाहिए तो किताब पढ़ो। किताबें आपको बहुत तरह से फायदा पहुँचा सकती है। जितना समय हम मोबाइल पर आँखें खराब करने के लिए व्यर्थ बताते हैं अगर उसी समय में हम एक किताब पढ़ें तो आँखों को भी बचा सकते हैं और अपनी बुद्धि को भी बढ़ा सकते हैं। 
अब जैसे कोरोनावायरस आने के बाद सब लोग अपने घर पर बैठे थे और बाहर नहीं जा पा रहे थे। बड़े अपने काम पर और बच्चे विद्यालय नहीं जा पा रहे हैं। और बस घर पर बैठे-बैठे समय नहीं बीत रहा था। ऐसे में परिवार मिलकर बच्चों को साथ लेकर कुछ ऐसे खेल जो हम घर पर खेल सकते हैं वह खेलना चाहिए था या और भी बहुत सारी चीजें हैं जो एक परिवार घर पर कर सकता है, करना चाहिए था, परंतु नहीं। यह एक ऐसा अवसर था जिसमें परिवार जन अपना समय एक-दूसरे को दे सकते थे। माता-पिता तो स्वयं बच्चों को मोबाइल दे रहे हैं और खुद भी यही कर रहे हैं। जिसके परिणाम स्वरूप हम बहुत चिड़चिड़े हो जाते हैं और बात बात पर गुस्सा करने लग जाते हैं। अगर हमें ऐसी बुरी लतों से बचना है तो अपने आप पर काबू रख कर और मोबाइल छोड़ अपने परिवार जनों के साथ समय बिता कर, स्वभाव के बदलाव से दूर रह सकते हैं। परिवार में लोगों का क्या महत्व है, वे क्या सोचते हैं, उनका नजरिया कैसा है यह सभी बातें उनके साथ समय बिताकर ही जान सकते हैं। 
कई लोगों ने लॉकडाउन को अपने किसी कौशल को विकसित करने के लिए किया जिससे कि समय का सदुपयोग तो हुआ ही नया भी सीखने को मिला। वही किसी ने सिर्फ मोबाइल पर या स्वयं के कार्य से मुँह मोड़ कर समय व्यतीत किया, जिसका कोई अर्थ नहीं निकलता है। 
कुछ लोग इसे समय को भगवान का श्राप तो कुछ इसे भगवान की तरफ से दी हुई छुट्टी मानते हैं जिसे हम परिवार के साथ वक्त बिताने से लेकर, अपने किसी कौशल या किसी नई तरह की चीजें सीखने में बिता सकते हैं वहीं कई लोग इसे सिर्फ मोबाइल के साथ बिस्तर में पड़े रह कर बिता दी, जो कि सरासर गलत किया। ऐसे अवसर हाथ से जाने न दें जब हमें परिवार का साथ मिल रहा हो। 
Mangilal Dewasi 
Class IX
FRIENDSHIP

Our society tends to place an emphasis on romantic relationships. We think that just finding that right person will make us happy and fulfilled. But research shows that friends are actually even more important to our psychological welfare. Friends bring more happiness into our lives than virtually anything else.
Friendships have a huge impact on your mental health and happiness. Good friends relieve stress, provide comfort and joy, and prevent loneliness and isolation. Developing close friendships can also have a powerful impact on your physical health. Lack of social connection may pose as much of a risk as smoking, drinking too much, or leading a sedentary lifestyle. Friends are even tied to longevity. One Swedish study found that, along with physical activity, maintaining a rich network of friends can add significant years to your life.
But close friendships don’t just happen. Many of us struggle to meet people and develop quality connections. Whatever your age or circumstances, though, it’s never too late to make new friends, reconnect with old ones, and greatly improve your social life, emotional health, and overall well-being.
Ramesh Dewasi/IX
Writing
Writing is a medium of human communication that represent language with signs and symbols . For language that utilize a writing system .Inscription can complement spoken language by creating a durable version of speech that can be stored for future reference or transmitted across distance. Writing, in other words, is not a language but a tool used to make language readable within a language system ,writing relies on many of the same structure as speech such as vocabulary, grammar, and semantic with the added dependency of system on a signs or symbols. The result of writing is called a tent and the interpreter or activity of this tent is called reader. 
Jatin Tripash/ X

Technology in Education
Technology is just a tool in terms of getting students working together and motivating them teacher is more important. The above are the words which were said by Bill Gates. Covid-19 has affected the education systems worldwide leading to the closures of school universities and colleges. Most of the governments have temporarily closed the educational institutions as they have thought that it opening them would be threat to the children. As of 4th September 2020 approximately 1.277 billion learners are affected because of this covid-19 situation today. In this covid-19 time instead of having books in the hand the students are having tablets and other handsets in their hands. However it is because of technology that the student’s education is not affected during covid-19 situation. Also the devices which method which were not good for students like mobiles laptops extra are now as a boon for students as because of them it is possible for students to get the education which was stop because of covid-19. Because of this covid-19 situations there is a big leap in the education error like there are many much online learning platforms which are open for students and they are also providing free access during the cold time so this is also helpful for students so so that there is no gap between the students and their future. It is not only providing new things to students but also to the teachers like teachers are getting to learn how to provide education via technology.
Rahul Vaishnav/ XI Science

Volume No. 440  Published by The Editorial Board: Mrs Bharti Rao, Mr Krishan Gopal, Ms Swabhi Parmar,
Chief Editor: Diksha Choudhary, Secretary: Uma Choudhary, Joint Secretary: Mansi Choudhary, Editors: Anumesh Rao, Krisha Dave, Puran Choudhary, Jatin Tripash, Diksha Choudhary, Tammana Solanki, Uma Choudhary, Priyanka Deora, Krithika Rajpurohit, & Kunal Rajpurohit.

The School Weekly 21st September 2020

 Virtual School Functioning

Academics

Half Yearly Examination is going on in all the classes.

Students are converting their exam answer sheet into PDFs and sharing with their respective Subject Educators for Evaluation.

Students who have opted for IP in Class XI have registered for learning Python Module. 

Registration link for IOF (International Olympiad Foundation) is shared with students & students have registered for it.

Professional Development

Middle and Senior Section Math Educators will be trained with “Robocompass”. Online tool to learn mathematical construction. I Session was scheduled on Saturday, 19th at 12.00 AM.

Primary Section Educators were trained for Google Classroom and other G Suite tools on Saturday, 19th at 12.00 AM.

Posts from our Educators

Best Goal Setting

Talking about an honest assessment of the situation & taking action even when it's way out of your comfort zone. Thus we grow & don't suck & we have success if we are efficient in our original look inside at the "real" situation we "suck" at. Where can you find the motivation?

There isn't going to be an easy answer. My suggestion is to avoid looking at the entire meaning of life and focus on the meaning of tomorrow. It might take your whole life to be fully satisfied with an answer to the meaning of life, but finding a meaning in tomorrow is closer to reaching. Then - How do you find a meaning in tomorrow? There are many routes .

1) Setting goals.

2) Finding something I'm passionate about.

Setting goals you really care about is a good way to give your motivation a head start. If you're cynical and set goals you don't think you'll achieve, they won't motivate you. But whenever you spend a lot of time contemplating what you truly desire, motivation usually follows.

Usually it is not that we don't have dreams, but that our dreams have been smothered by what we view as "reasonable". If you can let yourself set goals and think about what you want, you can recapture some of that motivation. Setting goals isn't an instant cure. There will still be times you lose motivation and slip into apathy. But they are helpful. The second path I've used to recapture motivation is to find something I'm passionate about. This is a harder path because you can't force it. Stumbling on your passions isn't as direct a route as goal-setting.

Richa Solanki 

मदद करने के फायदे

दूसरों की मदद करने से जीवन सफल और बेहतर बनता है। जब हम लोग छोटे होते हैं तो सिखाया जाता है कि हमें दूसरों की मदद करनी चाहिए लेकिन जैसे-जैसे बड़े होते हैं इस सीख को भूल जाते हैं। इस सीख को कभी अपने जीवन से दूर नहीं होने देना चाहिए। जब हम किसी की मदद करते हैं तो इससे सकारात्मकता महसूस करते हैं और एक अच्छा इंसान बनते हैं। किसी की मदद करने के लिए केवल धन की जरूरत नहीं होती उसके लिए एक अच्छे मन की जरूरत  होती है।

जब हम दूसरों की मदद करते हैं तो यह सिर्फ उस इंसान की मदद नहीं होती है बल्कि एक सीखने की प्रक्रिया होती हैं। हर दिन कुछ नया सीख सकते हैं। मदद करने से हमको आंतरिक खुशी मिलती हैं। मदद करने से दूसरों के लिए अच्छा उदाहरण बनते हैं जब हम दूसरों की मदद करना शुरू करते हैं तो इससे बाकी लोग प्रेरित होते हैं। दूसरों की मदद करने के साथ हम लोगों के लिए प्रेरणा बनते हैं।

उषा पंवार

Waits for None : Time 

Time one of the most precious thing on the earth. Once it goes, never returns. Success and failure of a person depends on how they utilize their time. To achieve successful lifetime management is necessary.

What is time management ?  We all have got 24 hours in a day. We cannot do each and everything that we desire to.  This creates hurdles in our everyday work.  Human beings have unlimited dream to fulfill each, time management is required. In order to work upon each and every corner of your interest division of time is necessary, so that you can complete all your task on time. 

Kishan Sirvi/ Class LKG
You can be at any stage of your time management strategy leads your future. If you are students studies should be given first priority then come your personal development and then social life that consist of family and friends. It is important for students to take out time from daily routine of schools and colleges for personal growth. If you are a working person then running after money should not be your first priority your quality of work should be. Then comes our family. It's equally important to spend time with them.  One must always remember that lost money can be regained if you use your time wisely but lost time can never be repurchased.

Shivani Rao

उद्देश्य का महत्त्व

एक सामान्य शब्द में उद्देश्य या लक्ष्य एक उद्देश्य है। एक प्रचलित कहावत है कि बिना उद्देश्य वाला मनुष्य बिना पतवार के जहाज के समान होता है। इसका मतलब है कि बिना पतवार का जहाज खतरे का सामना करता है। इसी प्रकार बिना लक्ष्य आधारित किए कोई व्यक्ति अपने लक्ष्य तक नहीं पहुँच पाता है।  वह  जीवन के रास्ते में ठोकरें खाता है। अतः प्रत्येक व्यक्ति का जीवन में कुछ न कुछ उद्देश्य अवश्य होना चाहिए, जिससे जीवन में कुछ करने का सही लक्ष्य प्राप्त किया जा सके। 

बचपन में एक व्यक्ति एक प्रसिद्ध अंतरिक्ष यात्री या फिल्म स्टार या फिर पुलिस अधिकारी बनना चाहता है। उद्देश्य का अर्थ है प्रयास करना ,या आकांक्षा करना। प्रत्येक उद्देश्य आमतौर पर एक लक्ष्य की स्थापना की घोषणा के साथ शुरू होता है , फिर इसे एक निर्धारित समय रेखा पर छोटे - छोटे टुकड़ों में तोड़ना होता है। इस प्रकार इसे प्राप्त करने के लिए  समय - समय पर कई बाधाओं एवं असफलताओं का सामना करना पड़ता है। उद्देश्य जीवन में कुछ हासिल करने के मज़बूत इरादे को दर्शाता है।हर किसी के जीवन में एक उद्देश्य अवश्य होना चाहिए। 

बिना उद्देश्य के मनुष्य एक खिलौने के समान होता है। वह लक्ष्यहीन रूप से बहता रहता है और अपने जीवन में कभी भी सफलता प्राप्त नहीं कर पाता है। तो , एक आदमी को अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। अपने लक्ष्य को पाने के लिए उसे कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन अगर दृढ़ निश्चय हो तो सफलता अवश्य मिलती है। 

इस प्रकार यह तथ्य है कि एक लक्ष्य निर्धारित करना और उसे प्राप्त करने के लिए अभिनय करना एक सफल जीवन के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है। सभी को इसके लिए काम शुरू करना चाहिए । सक्रिय दृष्टिकोण के साथ कार्य योजना का समय पर क्रियान्वयन सफलता की कुंजी है।

Ayasha Tak 

World Ozone Day

On 16th of September, every year is celebrated as International Day for the Preservation of the Ozone Layer. This event commemorates the date of the signing of the Montreal Protocol on Substances that Deplete the Ozone Layer in 1987.

World Ozone Day is important because it is a day that is used for spreading awareness regarding the Ozone Layer’s depletion, as well as the search for solutions in order to preserve it.  

Ozone is a gas in the atmosphere that protects everything living on the Earth from harmful ultraviolet (UV) rays from the Sun. Without the layer of ozone in the atmosphere, it would be very difficult for anything to survive on the surface. Plants cannot live and grow in heavy ultraviolet radiation. The ozone layer acts as a shield to absorb the UV rays, and keep them from doing damage at the Earth's surface.

The ozone layer is very important for life on earth. It protects us from harmful UV rays that can have serious effects on biodiversity, animals and people’s health, including skin cancer and eye cataract.

The Montreal Protocol on Substances that Deplete the Ozone Layer, also known simply as the Montreal Protocol, is an international treaty designed to protect the ozone layer by phasing out the production of numerous substances that are responsible for ozone depletion.

Aside from learning more about the ozone layer on this date, another way that you can honour and observe World Ozone Day is by spreading awareness on the subject. A lot of people are not aware of the damaging impact that they are having on the ozone layer. This is why it is important to spread awareness about this, and World Ozone Day provides you with the perfect opportunity to do this.  The ozone layer protects the Earth from the sun’s harmful rays. It is essentially a fragile shield of gas. Because of this, it plays a massive role in helping to preserve life on our planet.

Kavitha Devda 

Value of Silence 

It is said that silence is golden. This statement highlights the importance of silence in our lives. There is a deafening noise all around us. Vehicle horns and engines whizzing Jet aircraft screeching machines and blaring loudspeakers create so much of noise that we have forgotten how silence feels like, so much so that whenever there is silence we feel uncomfortable. Modern life affords little time for enjoying the bliss of silence that prevails in nature. People have no time to stand and stare. Have you gazed at stars on a calm and placid night or viewed the calm blue waters of a lake on a beautiful day? Have you enjoyed yourself of the music of nature just as the famous poets Wordsworth and Keats used to? There is so much noise around us especially in the cities that we have created special silence zones at places where silence is indispensable example hospitals, schools and colleges, libraries and prayer halls.

No prayer or meditation is possible where there is deafening noise that is why the sages in the ancient times preferred caves, forests and mountain tops for the meditation. But little children love to make noise. They are too young to know the importance and value of silence in life. Their noise at play may be an expression of their excitement and joy but it may disturb others. Therefore let us realize the importance of silence in our life. Let us learn to observe it, for it is an integral part of the discipline in life when we observe silence peace prevails all around us 

Everything goes on smoothly just like the planets move silently in their orbits. When silence is not observed there is chaos, for everyone wants to be heard but nobody is ready to listen. The atmosphere becomes unhealthy and unpleasant. A very small incident may turn into an ugly brawl  We must learn when and how much we ought to speak and when we must keep quiet. We must always observe the etiquette of silence wherever we are at home, in our classroom, in the library or when visiting an ailing relative or friend at the hospital. 

The conversation is a two-way process. We must learn to listen if you want to be heard.No one likes a talkative person. Therefore we should not waste time in idle talk. Time thus saved can be better utilized and productive work. If the silence can say it, why waste a word? Communication is not all the noise that's heard. Silence too speaks. A language of its own. Discover its power, respect every silent zone.

Sharmila Vijayvargi 

Posts from our Students

“Attack is the secret of defense; defense is the planning of an attack”

As I, today's opposition strongly believes that De-Nuclearisation can't Instill World Peace. But before coming to my actual arguments let me first explain what denuclearization is. It is the act of reducing or eliminating nuclear weapons. It can also be the state of a nuclear-weapons-free world, in which nuclear weapons are completely eliminated.

Coming to my first argument 

Nuclear weapons are helping in maintaining world's peace. We have seen two world wars, and the second one came to an end with a nuclear bomb being dropped by the USA in Japan. Since then, we haven’t seen any open, full-fledged war, not because there have been no tensions among the countries and we all are living happily, but because of the reason that most of the developed and developing countries have nuclear arms.

We as a country can decide whether we need to prepare the nuclear weapons or not ,but what about other countries ,we cannot do anything about that, India is always been a strong supporter of Non violence and has never joined any of the power blocs and led the Non aligned Movement,but due to the growing threats of nuclear weapons by neighbouring countries we are forced to go for nuclear weapons and maintain the balance and safe guard our sovereignty and national interests and borders.

Secondly, If denuclearization takes place then also it will not lead to peace. Fighting and violence is a part of the genetic character of all animals including man. This chatacteristic is more pronounced in the male of the species. Even cavemen fought with each other with sticks and stones. So whether denuclearization takes place or not, men will find other weapons to fight with. It is part of the nature of Man.

Can denuclearization bring an end to rapes, violence against women, robbery, murders, terrorism, discriminations and so on?

To bring peace in the world once need to be taught to respect others interest not denuclearization.

By all these points the motion must fall.

Last but not least I would like to say that

We have entered an era of globalization where we have to deal with global problems, no single country can completely solve them. We need to understand this fact and cooperate with each other with justice, negotiations and maturity, to save our beautiful planet Earth.

Thank you have a great day!!

Khush Rajpurohit/ XI Science

Self Discipline

The quality of self-discipline is very rare. Being self-disciplined means knowing optimal time-management, being focused, zero procrastination, always making more attempts in the field you want to advance, upright moral character, and observing morals and ethics. A self-disciplined person does not have to be told to do the good things; he himself does them. There are only two options: be self-disciplined, or perish. The choice is to be made by you.

Work hard in silence let the success make the noise

Vinod Choudhary/ 12 Commerce

                                            जंक फूड 


स्वस्थ जीवन के लिए हर व्यक्ति को संतुलित आहार की जरूरत होती है। जिसमें उचित मात्रा में प्रोटीन ,विटामीन खनिज हो। आज के समय में बच्चों से लेकर बड़ों तक हर कोई व्यक्ति जंक फूड खाने की आदत बना चुके हैं। विशेष रूप से विद्यालय जाने वाले बच्चों द्वारा यह बहुत ज्यादा पसंद किया जाता है। जिसका कारण जंक फूड स्वादिष्ट होता है , यह आसानी से उपलब्ध होता है और कम दाम में मिलता है। 

यह मनुष्य के शरीर के लिए लाभदायक कम और हानिकारक ज्यादा होता है। जंक फूड दिखने में जितना आकर्षक होता है उतना ही ज्यादा यह हमारे स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है। जंक फूड शरीर को पर्याप्त ऊर्जा नहीं देते हैं। जंक फूड बहुत तैलीय होते हैं और उनमें पोषक तत्वों की कमी होती है। इस कारण उन्हें पचाने में कठिनाई होती है और मोटापे में वृद्धि होती है। मोटापे के कारण शरीर को कई प्रकार के रोग होने का खतरा बन जाता है। जंक फूड का सबसे ज्यादा सेवन बच्चों और युवाओं के द्वारा किया जाता है। 

वे जब भी भूख महसूस करते है , तब चिप्स , चाउमीन ,बर्गर ,पिज्जा , पास्ता और अन्य जंक फूड का सेवन करते है। माता - पिता को बचपन से ही बच्चों में घर का बना पौष्टिक खाना खाने की आदत सिखानी चाहिए। साथ ही स्वास्थ्यवर्धक भोजन एवं जंक फूड में अंतर को बताना चाहिए। जंक फूड से जितना हो सके दूर ही रहना चाहिए और घर का स्वच्छ और ताज़ा बना हुआ खाना ही खाना चाहिए। 

“ जंक फूड का सेवन छोड़ो।A

स्वास्थ्य से नाता जोड़ो।। “

Harshil Parihar/ II

Discipline

Discipline is something that keeps each person in control. It motivates a person to progress in life and achieve success. Everyone follows discipline in his/her life in a different form. Besides, everyone has his own prospect of discipline. Some people consider it a part of their life and some don’t. It is the guide that availability directs a person on the right path.

Abhimanyu Singh Chouhan /III



Volume No. 439  Published by The Editorial Board: Mrs Bharti Rao, Mr Krishan Gopal, Ms Swabhi Parmar,

Chief Editor: Diksha Choudhary, Secretary: Uma Choudhary, Joint Secretary: Mansi Choudhary, Editors: Anumesh Rao, Krisha Dave, Puran Choudhary, Jatin Tripash, Diksha Choudhary, Tammana Solanki, Uma Choudhary, Priyanka Deora, Krithika Rajpurohit, & Kunal Rajpurohit.





The School Weekly 14th September 2020

 Virtual School Functioning

Academics

Revision for the commencing Half Yearly Examination is going on in all the classes.

E-Learning (Online Learning): Every Saturday we have a webinar for students to learn build electric circuits using different modules. This week’s topic was ‘: “Learn Electronics at home”

Professional Development

Plezmo has started 2nd Session of App Development Course for teachers starting from 10th September, and our Middle & Primary school teachers registered for it and attended the Plezmo App development Course (Coding)

Principal Rajeshree Shihag and four Educators attended the Inaugural Session of The Joy Of Learning Session at The Doon Girls School on 12th September.

Posts from our Educators

हमारी हिंदी 

हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ !

संविधान सभा में निर्णय लिया गया कि संघ की राजभाषा हिंदी होगी और लिपि देवनागरी, प्रयोग में आने वाले अंको का रूप अंतरराष्ट्रीय होगा। गांधीजी के अनुसार हिंदी जनमानस की भाषा है। हिंदी में कई भाषाओं का समावेश है, कई बोलियों का समावेश है। और यही वजह है कि हिंदी भाषा में पूरे देश की संस्कृति की झलक दिखाई देती है।

संस्कृत से तो हिंदी का जुड़ाव विशेष है। हिंदी को कई कवियों और लेखकों ने संजोया है। भारतेंदुजी ने इसके खड़ी बोली के रूप का प्रचार किया तो जयशंकर प्रसाद ने कामायनी से परिचय करवाया। हरिऔंध जी ने प्रियप्रवास, दिनकर जी ने रश्मिरथी, बच्चनजी ने निशा निमंत्रण तो मैथिलीशरण जी ने साकेत जैसी रचनाओं से हिंदी विशिष्ठता प्रतिपादित की। वैसे तो ये सूचि बहुत छोटी है, ऐसा कह सकते है, ये तो एक झाँकी है। अपार साहित्य सृजन हो चुका है और होता जा रहा है। इन रचनाकारों ने हिंदी को समृद्ध किया।  

तुलसी का रामचरितमानस हमें अपने कर्तव्यों के प्रति सचेत करता है। पिता के साथ, माता के साथ, भाई के साथ, मित्र के साथ यहाँ तक कि शत्रु के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए यह राम के चरित्र से ज्ञात हो जाता है। विनम्रता, सहयोग, आत्मविश्वास, साहस, संकल्प, क्षमा और भी कई जीवन मूल्यों का परिचय करवाया गया है। 

यदि हम बात करें कबीरदास जी की तो उन्होंने सर्वधर्म समभाव की रूपरेखा समाज को दी। उनके अनुसार व्यक्ति की पहचान उसके कर्म से होती है, ऊँचे कुल से नहीं। जो व्यक्ति विनम्र होता है सही अर्थों में वही ज्ञानी होता है। ईश्वर एक है और आडम्बर से प्राप्त नहीं होंगे, इसके लिए सत्कर्म कीजिए। इस प्रकार कई महान विभूतियों ने समाज का मार्गदर्शन किया, जीवन का उद्देश्य सबके समक्ष रखा। भगवद्गीता में भी कर्म करने की बात कही, यदि कर्म निष्ठा पूर्वक किया जाएगा तो परिणाम भी अनुकूल ही होगा, इसलिए फल की चिंता न करने की बात कही गई। 

उपर्युक्त तथ्य केवल उदाहरणार्थ लिखे गए है, ऐसे साहित्यों की कतई कमी नहीं हैं जो हमें जीवन का पाठ पढ़ाए। आधुनिकता की दौड़ में हम कहीं यह न भूल जाएँ कि हमारा अपना साहित्य, संस्कृति और भाषा कितनी प्रगाढ़ है। सीखना सब चाहिए पर अपना भूल जाएँ यह तो उचित नहीं। विदेशी भाषाओं के प्रयोग पर गर्वान्वित महसूस न करें। गर्व अपनी चीजों का होना चाहिए। धोती-कुरता पहनने वाले को कमतर समझ लिया जाता है जो उचित नहीं है। पढ़ा-लिखा ज्ञानी होना केवल विदेशी पौशाक से ही प्रदर्शित होता है क्या ?

गर्व से हिंदी बोलिए, यह हमारी भाषा है, हमारी भाषा में हमारी संस्कृति है, हमारी पहचान है। अपनी पहचान और संस्कृति को अक्षुण्ण रखने के लिए हिंदी का सम्मान कीजिए, प्रयोग कीजिए। 

कृष्ण गोपाल 

Positive Thinking Can Change Your Destiny

A life of success and achievement is a direct result of utilizing the power of positive thinking. The most important asset we have to achieve is our dreams.

“If we plant positive thoughts we will definitly relep positive results.”

Our response to what happens to us, whether good or bad, is our choice. It’s very simple to recognize negative thoughts. Any thinking that emphasizes lack, failure, sickness and so on is negative.

 ”IF YOU DO NOT WANT IT, DON’T THINK IT.”

 Thinking right is not a quick fine process. It might have taken years. We cannot simply decide that we will stop thinking negatively. It should be a process of replacement of the negative with the positive. It is a lifelong process. There are many techniques that I have come across to change our mindset is to associate with other great minds.

“STAY POSITIVE IN ALL CIRCUMSTANCES.”

Take every opportunity we have to expose our mind to the right things, watch the right movies, listen to the right music, read inspiring, uplifting and motivational books that will slowly but surely help us to think about the fact that our lives are totally in our own hands.

Believing in positive thinking would mean that we cannot blame our lack of education, our parents, teachers, spouse or destiny for our failure.

“THOUGHTS ARE ENERGY, THINK AND GROW RICH.”

Punita Chouhan

Two Contrasting Realities of 9/11s 

September 11 was the day a Hindu seer, from the most ancient order of monks in the world, unveiled a grand vision of religion before the world. The monk was Swami Vivekananda, the place, the city of Chicago in the US, and the year was 1893.

Vivekananda’s words caused a stir in the audience. He introduced the idea of religious pluralism in Parliament: “I am proud to belong to a religion which has taught the world both tolerance and universal acceptance. We believe not only in universal toleration, but we accept all religions as true.”

Quoting the Bhagavad Gita, he made a passionate plea to abolish religious intolerance: “Sectarianism, bigotry, and its horrible descendant, fanaticism, have long possessed this beautiful earth. They have filled the earth with violence, drenched it often and often with human blood, destroyed civilization and sent whole nations to despair. I fervently hope that the bell that tolled this may be the death-knell of all fanaticism.”

Of course, 9/11 is also remembered for another “counter-attack from the East,” the destruction of the twin towers of the World Trade Center in New York City by the Al Qaeda suicide bombers. After hijacking US jetliners, they crashed the doomed planes, full of innocent passengers, not just into the twin towers, but also in the Pentagon.

Here we come across two different realities.

One a person who spreads a message of hatred and the other person who is an Indian monk and he spreads the message of tolerance and humanity. Here I do not want to quote any religion. But I believe that no religion is more important than humanity. Nobody could be a perfect human being which is agreed to a great extent, but humanity should be in the flesh and blood of every human being on this planet. I believe that intolerance and fanaticism should be rejected by ourselves from within then the rest of the world could be a better place to live.

Swabhi Parmar

 पुस्तकों का उपयोग

 पुस्तक .यानी किताब या ग्रंथ

पुस्तकें गागर में सागर की तरह होती है।

पुस्तकों का हमारे जीवन में बहुत उपयोगी होती है ।वे एक मित्र के समान होती हैं। वह हमें सभ्य बनाने में सहायता करती है। जब भी हम किसी मुसीबत में होते हैं तो अच्छी पुस्तकें हमें रास्ता दिखाती हैं । हमें संस्कार व ज्ञान देकर एक अच्छा इंसान बनाती है। पुस्तकें कितनी प्रकार की होती है।  जितनी ज्यादा आप किताबें पढ़ेंगे उतना ज्यादा ज्ञान अर्जन करेंगे। पुस्तक पढ़ने से कई लाभ मिलते हैं जैसे .मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में मददगार ,तनाव कम होता है, बेहतर नींद में मदद ,याददाश्त मजबूत ,शांत और संयमित होना, अकेलापन से निजात ,दिमाग का  अभ्यास इत्यादि लाभ मिलते  हैं । प्रेरणादायक पुस्तकें  हमारे जीवन में एक नई ऊर्जा का संचार करती है।  इससे आप की शब्दावली और भी विस्तृत हो जाती हैं । नए शब्द उनके अर्थ वह उनका प्रयोग जानने से हमारी लेखन में सुधार आता है।ं कुछ लोगों को पढ़ने का शौक होता है ।कोई भी पुस्तक पढ़ने लगते हैं। अगर आप नियमित रूप से नहीं पड़ते हैं तो आपको इसे शौक के तौर पर पुस्तक पढ़ना शुरू करना चाहिए । हर दिन एक किताब के कुछ पन्ने पढ़ने की धीरे-धीरे आदत डालें और इससे कई फायदे होंगे । आप इसे ऑनलाइन वेबसाइट के जरिए एक से बढ़कर एक किताब पढ़ सकते हैं जिससे आपको काफी फायदा होगा। इसलिए खाली समय में अच्छी पुस्तकों को अपना साथी बनाना चाहिए और उनसे ज्ञान अर्जित करना चाहिए। 

राजेश्वरी राठौड़

Happiness

Happiness is related to something that makes us feel good inside and satisfied. Nobody from outside can make you happy until you yourself want to be happy.

If a person keeps smile on his face while meeting others, it is not sure that he is the happiest person, he might be actually happy or he might try to hide his pain, his sadness. It is about having inner pleasure. Happiness makes us mentally and physically healthy. It affects everything we do. It is very important to be happy in life because a happy person spreads positivity and happiness in others life but if someone is unhappy, he can't perform well anywhere.

Happiness is something that we can't buy with money, we need to build it inside our hearts and brains. A person needs to have patience and understanding to become happy. We should try to achieve what we want but we must appreciate what we have. Becoming impatient and over ambitious can ruin our happiness. I see people feeling happy by doing little work, like the children look so happy when they play with friends, helping any needy one, talking to someone when someone feels lonely. If we are happy. We enjoy everything that happens around us otherwise an unhappy person feels lonely among hundreds of people. 

Monika Vaishnav

World Suicide Prevention Day 10th September 

World Suicide Prevention Day (WSPD), on 10 September, is organized by the International Association for Suicide Prevention (IASP). WHO has been co-sponsor of the day. The purpose of this day is to raise awareness around the globe that suicide can be prevented.

The ongoing pandemic has created a world environment that is harsh and seriously detrimental for mental health, making this the most imperative time to focus on suicide prevention. 

Problems in love life, problems in academic life, problems in professional life, whatever the problem might be, committing suicides is never the solution.

What are the warning signs and symptoms of suicide?

Of course, prevention starts with recognizing the early warning signs, taking them seriously and acting upon them. Following are some of the common signs and symptoms that indicate someone may be thinking about suicide:

Drastic changes in mood and behaviour

Major changes to sleeping patterns – such as sleeping too much or too little

Loss of energy

Threatening to kill oneself

Saying things like ‘no-one will miss me when I am gone’

Looking for ways to kill oneself, such as seeking access to pesticides, firearms or medication, or browsing the internet for means of taking one’s own life

Self-harming behaviours like bodily harm, cuts, etc.

Saying goodbye to close family members and friends, giving away of valued possessions, or writing a will

What you can do if you think someone has suicidal tendencies?

Suicide is a complex issue, however, it is preventable with timely, evidence-based and often low-cost interventions. Here are a few things you can do if someone you know is showing warning signs for suicide, as per WHO:

Find an appropriate time and a quiet place to talk about suicide with the person you are worried about.

Let your loved one or the concerned person know that you are there to listen.

Encourage the person to seek professional help, such as of a doctor, mental health professional, counsellor or social worker. Offer to accompany them to an appointment.

Do not leave the person alone if you think he/she is in immediate danger.

Don't hesitate to ask if he or she is depressed or thinking about suicide. Instead, seek professional help from the emergency services, a crisis line, or a health-care professional, or turn to family members.

Make sure that you stay in touch to check how the person is doing.

If the person you are worried about lives with you, ensure that he or she does not have access to means of suicide - such as pesticides, firearms or medication in the home. 


If you think someone you know is considering suicide, talk to them about it and listen with an open mind while offering your support.

So on this day, let us take a pledge to help each other in times of crisis so that nobody has to deal with suicidal thoughts. Let's be there to support and help each other. Let's drop the 'log kya kahengey' approach and talk about suicide awareness. 

Nikita Rajpurohit

                                     मेरी रुचि 

शौक किसी भी व्यक्ति में उसकी अन्य आदतों में से एक विशेष रुचि को प्रदर्शित करता है जो उसकी सारी आदतों से अलग होता है। शौक बहुत अच्छी वस्तु है, जो हर किसी में होता है। किसी भी वस्तु का शौक होना एक अच्छी आदत है जो सभी में होनी बहुत आवश्यक है, क्योंकि यह उस व्यक्ति को उसकी पसंद की चीजों को करने के लिए प्रेरित करता है। यह व्यक्ति को खुले दिमाग से किसी कार्य में व्यस्त करता है। यह हमें कभी भी अकेला नहीं छोड़ता और हमारा मानसिक बीमारियों से बचाव करता है।

शौक हमारे प्रतिदिन के जीवन का वो हिस्सा होता है। यह हमारी प्रतिदिन के दबाव से बचने में मदद करता है। यह हमें बहुत अधिक आनंद और शारीरिक, मानसिक व आत्मिक शान्ति प्रदान करता है। यह एक योग और ध्यान की तरह है, कभी-कभी तो इससे भी अधिक लाभ प्रदान करता है। यह हमारे मस्तिष्क को क्रियात्मकता की ओर ले जाता है और जीवन में कुछ बेहतर करने के लिए प्रेरित करता है। अच्छी आदतें नाटकीय रुप से हमारे व्यक्तित्व और चारित्रिक विशेषताओं में सुधार करने के साथ ही हमारे प्रदर्शन को बेहतर करती हैं। यह हमारी योग्यता और क्षमता को खोजने में मदद करता है और उन्हें सही दिशा में प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करता है। हमारे शौक हमें जीवन की दैनिक भीड़ से अलग रखकर, हमारे दिमाग को ताजा और शान्त बनाते हैं।

मेरा प्रिय शौक : बागवानी करना।

 Soumanshu Singh Rathore/VI

मेरा पसंदीदा शौक बागवानी करना है और मुझे नए पौधों को लगाना और उन्हें हर सुबह पानी देना बहुत अच्छा लगता है। खिलते हुए फूलों और बढ़ते हुए पौधों को देखकर मुझे आत्मिक शांति महसूस होती है और जीवन की वास्तविकता का अहसास होता है। यह मुझे तंदुरुस्त, मजबूत, स्वस्थ और तरोताजा रखने में मदद करता है। प्रतिदिन पेड़ों को पानी देना और बागवानी करना, मेरे लिए सबसे अच्छा व्यायाम है, जो मेरे मस्तिष्क और शरीर को सकारात्मक की ओर मोड़ता है।इस कोरोना काल में व्यक्ति अपने आप को बंधन में महसूस करने लगा। मैंने इस बार निश्चित किया कि जब हम बागवानी कर सकते है तो खेती क्यों नहीं? इस विचार ने मुझे इसके लिए प्रेरित किस और एक छोटी सी कोशिश की। जब फसल को लहलहाते, पक्षियों की चहचहाहट और बादलों की आवाजाही के बीच खेत में काम करना एक अद्भुत सुकून देता है। इससे हम शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वस्थ महसूस करते है। साथ ही एक नया कौशल भी सीख पाई। 

अतः हमें अपने शौक को जिंदा रखना चाहिए । इससे जीवन में नवीनता और सरसता बनी रहेगी।

उर्मिला राठौड़

International Literacy Day 

International Literacy Day is celebrated every year on 8th September. Its main aim of this day is to highlight the importance of literacy to all individuals, communities and societies. Several initiatives are taken by the Government and people from educational background to highlight the improvement in world literacy rates and reflect on the remaining literacy challenges.

International Literacy Day was declared by UNESCO on 26th 1966 at 14th session of it’s General conference. The first time it was celebrated in 1967. The scale of literacy is very low in the world. So this day was started keeping in mind the importance of literacy which is a matter of dignity and human rights. The basic aim is that each individual acquires the basic skill of reading and writing. If people are educated then, they can live a proper life, earn a livelihood for living, contribute to society, country and world in promoting peace, eradicating poverty, removing gender inequality, and many more. Every year different themes are used to celebrate this day. Some previous year’s themes were “The Power of Women’s Literacy”, “Literacy and Health” and “Literacy for Peace”, “Literacy and Multilingualism”.

This day is celebrated both at national and local levels at various schools, NGOs and community centres. Events like great authors are invited to speak; competitions are organized for children so they can earn scholarships as a reward and get a chance to attend school.

This year’s theme is “Literacy Teaching and Learning in the Covid-19 Crisis and Beyond”. It lays emphasis on the role of educators and changing pedagogies. The main focus is on youths and adults. There were many loopholes in our education system and with Covid-19 crisis education was affected a lot. Due to these programmes were developed which could be used during pandemic time and beyond.

If the literacy rate increases not only the individual’s future is brightened but also the nation’s development and growth increases.

Prerna Rathod

Posts from our Students

Skill Development

We often hear this small word 'skill' in our everyday life but what does skill means? One could say that it is a special talent in a particular field . Some believe that it is god gifted and some try and work hard to get some specific skill. I say that skill is the key to success in this modern and technological era. Now, it is not possible that one could have all the skills in him but at the same time it is also not possible that one could have no skills in him. Skill means something special rather than only education. In this competitive world , anybody could Study and get higher marks but nowadays only marks can't get you everything you want. 

The interviewer    while appointing someone would look at their extra skills if he would had to choose between two people for a single job. Now these skills should be developed by people in order to achieve more. It is seen that many illiterate  adults only forces a child to work and focus on their academic courses and any other extra talent is considered as a waste by them but there are a few parents which support them on developing their skill cause they knew it's importance. Skills can be many such as speaking skills , sports , singing , dance etc. It is also observed in the coming few years , there will be more job opportunities in skill area rather than doctors or engineers. With respect to this only, our government is also launching many programmes that develop the skills of children at early age so that they would not suffer in future and go hand in hand with the whole world. Thus the motive is that skill should be developed in order for a bright future

Aryan Sirvi/ XI Science

The World Health Organisation has declared the new coronavirus outbreak in China . It is the disease which has disbalanced the health condition of the people living in China and population has also slowed down .Then this disease has spread in different countries.Which has affected the economic conditions of these countries

 The coronavirus family causes illnesses ,Common cold , Respiratory problems and other severe diseases . The coronavirus is circulating in animals that are not infected by humans . But covid -19 has been spread due to animals. There are many people who are infected by these diseases ,but do not show any symptoms. 

 And nowadays the children's between 1- 10 and old people's between 60 and more than that are not allowed in the Hospitals. Now the condition has been in control and we all should be aware of this disease.

 We can protect ourselves by regularly washing hands with soap and water and always going outside using a mask. Always maintain the distance of 1metre with the other person. We should avoid unnecessary contact with animals and if you have came in contact with animals always wash the hands 

STAY HOME STAY SAFE

 Dhruvraj Singh Ranawat / IX  A

' India will get growth back, Atmanirbhar Bharat is the way forward. '

*Atmanirbhar Bharat*

As we know the basic meaning of Atmanirbhar Bharat is 'Self-Reliant India'. It is the vision of our prime minister Narendra Modi to make India a self-reliant nation . The announcement of this mission was made during the coronlavirus pandemic related economic package on 12th May 2020. The most prominent example of initiatives towards self-reliance is that :

India's own 5G network was announced in mid july 2020 by Reliance Jio to create a complete 5G solution and provide a world class 5G service in India using 100% Indian technology. Example of becoming self reliant is to learn to tie one's own shoes gives children a sense of pride and accomplishment. Self Reliance is the ability to depend on yourself to get things done and to meet your own needs. Another example of self reliance is growing your own food.

At last I wish to conclude my speech by saying just that Atmanirbhar Bharat has been called as the repackaged version of Make in India. Its main purpose was to boycott the Chinese products. 

Let's all pledge together to become self reliant.

Thank you everyone and have a good day.

Nikhil Sirvi /XI

*Importance of social media* 

Social media has become a phenomenon with the advent of technology and rapid rise in the reach across the world. It has made inroads in almost every sphere of business, communication and marketing.

Social media today has become an integral part of the media industry, whether it is news deliverance, marketing or advertising. The social media revolution has changed and will continue to change journalism and news organizations. Social media as a powerful tool has been realized largely across Indian Media industry, its importance is no longer debated. Therefore, the Indian media has successfully embraced social media technology and digital shift to widen and expanding their reach and exposure.

Dhawan Choudhary/ VIII A

Hard Work

Hard work is the only key for achieving success. It teaches us discipline, dedication and determination. Hard work is definitely more important because it is only through hard work that we can achieve the goals of our life. Smart work, on the other hand often leads to shortcut and delaying or postponing of the work. Smart work saves time and allows us to be more organized. It helps us to gain recognition quickly. But hard work is the first step towards smart work. Through hard work we gain experience. It helps us to discover many new things. This experience enables us to think smartly and to solve critical problems and achieve success. If we do not work hard work, we will not be able to achieve our goals. To achieve anything in life one has to commit himself or herself to work hard continuously. This will lead us further to achieve our goals and fulfill our dreams. We must remember there is no shortcut to success. One needs to really work hard.

Komal Kunwar

Class VI

                                                                            Respect & Love

If we ask our parents who are the most important person in your life, we all know that they all will have only one answer that is their children. What our parents do for us, nobody in the world can do for us whether we talk about love, care or sacrifice. Their love for their daughter and son is incredible. They work hard to fulfill our desires. They forget to live for themselves, they start living for us. They are the only person, we can trust on for the whole life. They teach us about life, they guide us  and help us to choose the right path throughout the life. They never expects anything from us for their unconditional love. We all should respect our parents and love them as much as possible. We should listen to their advice because they  never want us to be in trouble. 

Vedvi Solanki/ V

Volume No. 438  Published by The Editorial Board: Mrs Bharti Rao, Mr Krishan Gopal, Ms Swabhi Parmar,

Chief Editor: Diksha Choudhary, Secretary: Uma Choudhary, Joint Secretary: Mansi Choudhary, Editors: Anumesh Rao, Krisha Dave, Puran Choudhary, Jatin Tripash, Diksha Choudhary, Tammana Solanki, Uma Choudhary, Priyanka Deora, Krithika Rajpurohit, & Kunal Rajpurohit.

  


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