The School Weekly 24th April 2023

हमारी प्रतिबद्धता
मनुष्य जीवन प्रगतिशील है, एक समय कहां था और आज कहां पहुंच गया। मनुष्य की महत्वाकांक्षा उसे आगे बढ़ने को प्रेरित करती है। समय के साथ बदलाव भी जरूरी है हम अपनी प्राचीन पद्धति को पकड़ कर नहीं रख सकते। हमें भी समय के साथ चलते हुए, स्वयं में परिवर्तन लाना होगा। तभी विश्व के साथ खड़े रह सकेंगे और राष्ट्र को गौरवान्वित कर सकेंगे। हमारी परंपराओं का भी सम्मान होना चाहिए, उन्हें बड़ी श्रद्धा से अपनाना चाहिए। 
नवीन परिपेक्ष्य को देखते हुए नवीन कौशलों का विकास होना प्रत्येक व्यक्ति के लिए और राष्ट्र के विकास के लिए परम आवश्यक हो गया है। नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी कौशल निर्माण और कौशल विकास पर जोर दे रही है।
इसमें हमने भी आगे रहने का प्रयास किया है। और इसके लिए विभिन्न आयामों को स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं। जिसमे कला, संगीत, खेल आदि सम्मिलित है। ये वह युग है जिसमें बालक किसी भी क्षेत्र में अपना योगदान देकर या यह कहें कि अपनी रुचि अनुसार कौशल विकास करके अपना भविष्य बना सकता है। अध्ययन के साथ साथ सहशैक्षणिक गतिविधियों से बालक कौशल का विकास करता है तथा यह सब फैबइंडिया स्कूल उपलब्ध करवाता है।
बोलना भी एक कला है इसके लिए भी हम प्रतिबद्ध है कि बच्चों को एक ऐसा मंच प्रदान करें जहां वह बेहिचक अपना वक्तव्य दे सके। विभिन्न अवसरों पर बालक का नेतृत्व कौशल निखारना भी हमारी इसी प्रतिबद्धता का अंग है। उपर्युक्त कार्यों में पूर्ण समर्पण के साथ विद्यालय का संपूर्ण परिवार प्रयासरत है।
कृष्ण गोपाल / Educator
Clay Modelling 
Clay Modelling Activity was organized for Class II and III students on Saturday, 15th April 2023. Clay modelling is a great way to help children to develop imagination and spark creativity. Watching their petite fingers at work and artistic models is a pleasure. Under the guidance and direction of their teachers, our little ones came up with their own ideas and stunning creations. The little hands worked smoothly and efficiently to fulfill their heart’s desires and fantasies. Keeping in mind to enhance creative skills our school has organized the clay modelling activity. It enhances their gross motor skills and creativity. Clay modelling helps these children to develop fine motor skills and dexterity. It also enhances their creative and imaginative skills. And it also helps them to work together and help each other. The activity in itself is therapeutic and channels the energy of our students in a constructive fashion. Their problem-solving and decision-making skills sharpen as they learn to make beautiful things with clay.

ईद उल फित्र
एक ईद उल फित्र मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा त्योहार है। ईद उल फित्र विश्व भर में मुस्लिम लोग श्रद्धा के साथ मनाते हैं। यह त्यौहार अपने साथ ढेर सारी खुशियाँ लेकर आता है। हर तरफ खुशी का माहौल होता है। ईद उल फित्र का दिन पवित्र रमजान माह के बाद आता है। रमजान में जकात अदा करने की परंपरा है। जो केवल गरीबों , बेवाओं एवं यतीमो को दी जाती है। रमजान के इन तीस दिनों तक  इफ्तार पार्टी का आयोजन भी किया जाता है। इस मौके पर अलग-अलग समुदाय व धर्मों के लोग रोजेदारों के लिए इफ्तार पार्टी का आयोजन करते हैं। ईद के दिन हर घर में स्वादिष्ट व लजीज पकवान बनाए जाते हैं। ईद का खास मीठा पकवान खीर व सेवइयाँ होते हैं। ईद के त्यौहार के दिन लोग जरूरतमंदों की मदद करते हैं एवं उन्हें खाना भी खिलाते हैं। पैगंबर मोहम्मद साहब ने मक्का में सबसे पहले इस परंपरा की शुरुआत की थी। ऐसा माना जाता है कि पैगंबर मोहम्मद साहब इसी दिन मदीना पहुँचे थे। ईद के दिन सभी लोग सुबह जल्दी उठते हैं। वे स्नान करते हैं और नए कपड़े पहनते हैं। महिलाएँ घर पर नमाज अदा करती है और विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट पकवान बनाती हैं।जबकि पुरुष नमाज अदा करने के लिए ईदगाह जाते हैं। इस दौरान ईद की नमाज अदा करने के बाद लोग एक दूसरे के गले मिलकर उन्हें ईद की मुबारकबाद देते हैं। इस दिन घरों में मेहमानों को खीर सेवईयाँ परोसी जाती है। एक और दिलचस्प हिस्सा जो युवाओं को पसंद है वह है ईदी। ईदी एक उपहार है जिसे वे धन के रूप में बड़ों से प्राप्त करते हैं। इस प्रकार बच्चे ईदी प्राप्त करने का आनंद लेते हैं और फिर उस पैसे से अपनी पसंदीदा चीजें खरीदते हैं।
सब को ईद मुबारक
धन्यवाद
आयशा टाक / अध्यापिका 
अक्षय तृतीया 
अक्षय तृतीया के पावन पर्व को कई नामों से पहचाना जाता है। इसे आखा तीज और वैशाख तीज भी कहा जाता है। भारतीय शास्त्रों में 4 अत्यंत शुभ सिद्ध मंगल मुहूर्त माने गए हैं-
1. गुड़ी पड़वा, 2. अक्षय तृतीया , 
3. दशहरा, 4. दीपावली के पूर्व की प्रदोष
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को 'अक्षय तृतीया' या 'आखातीज' कहते हैं। 'अक्षय' का शाब्दिक अर्थ है- जिसका कभी नाश (क्षय) न हो अथवा जो स्थायी रहे। स्थायी वही रह सकता है जो सदा शाश्वत है।
इस पृथ्वी पर सत्य केवल परमात्मा है जो अक्षय, अखंड और सर्वव्यापक है यानी अक्षय तृतीया तिथि ईश्वर की तिथि है। इसी दिन नर-नारायण, परशुराम और हयग्रीव का अवतार हुआ था इसलिए इनकी जयंतियां भी अक्षय तृतीया को मनाई जाती है।
परशुरामजी की गिनती 7 चिंरजीवी विभूतियों में की जाती है। इसी वजह से यह तिथि 'चिरंजीवी तिथि' भी कहलाती है। चार युग- सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर युग और कलयुग में से त्रेतायुग का आरंभ इसी अक्षय तृतीया से हुआ है। वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को समस्त तिथियों से सबसे विशेष स्थान प्राप्त है।‘अक्षय तृतीया’ के रूप में प्रख्यात वैशाख शुक्ल तीज को स्वयं सिद्ध मुहूर्तों में से एक माना जाता है।
पौराणिक मान्यता है कि इस तिथि में आरंभ किए गए कार्यों को कम से कम प्रयास में ज्यादा से ज्यादा सफलता मिलती है।अक्षय तृतीया कुंभ स्नान व दान पुण्य के साथ पितरों की आत्मा की शांति के लिए आराधना का दिन भी माना गया है।शास्त्रों में अक्षय तृतीया को स्वयंसिद्ध मुहूर्त माना गया है। अक्षय तृतीया के दिन मांगलिक कार्य जैसे- विवाह, गृह प्रवेश, व्यापार अथवा उद्योग का आरंभ करना अति शुभ फलदायक होता है। सही मायने में अक्षय तृतीया अपने नाम के अनुरूप शुभ फल प्रदान करती है। अक्षय तृतीया पर सूर्य व चंद्रमा अपनी उच्च राशि में रहते हैं।इस शुभ तिथि पर सबसे ज्यादा विवाह संपन्न होते हैं।
कल्पना इंदा / VIII
Earth Day 
Save Earth! Save Life! 
On 22nd April the whole world celebrates World Earth Day. This day was observed for the first time in 1970 in the USA. This year in 2023, we celebrated the 53rd World Earth Day. This day is celebrated to raise awareness about taking care of the earth.
Earth Day was celebrated in our section. All the teachers told the children the ways to save the Earth. The children were made to do an activity on ways to save the Earth. Children made paper bags, and Earth drawings and watered the trees, etc. Through this activity, the children learned to save every drop of water, avoid the use of plastics, plant more and more trees, save electricity, and keep our environment clean and green.
On this day the children were inspired and stated "We too will protect the Earth". The children enjoyed it a lot.
Renuka Malviya / Educator
Show and Tell
With the aim of strengthening verbal skills and fostering public speaking, a 'Show and Tell' Competition was organized for the students of Class IV and V. The students were informed to bring their favourite toy or any object of their choice. Students excitedly shared their descriptive narration and others waited eagerly for their turn to show and tell. They were judged based on their presentation skills, creativity, originality, and conceptual skills.  The items presented by the students were diverse and interesting. 
The results of the Competition were as follows : 
Class IV 
1st PositionHarshil Dave (Raman House), Pranjal 
2nd PositionDevanshi Ozha (Gandhi House), Harshvardhan Singh (Teresa House), 
Jivika Sompura (Teresa House), Mahendra Pratap Singh (Teresa House)
3rd  PositionPriyanka Sirvi ( Dhayanchand House), Ganpati Prajapati (Raman House), 
Dhananjay Pratap Singh , Geetanjali  (Raman House)
Class V 
1st PositionMokshi Nagar (Teresa House), Sandhya Singh Solanki (Raman House), 
Jiya Vaishnav ( Dhayanchand House)
2nd PositionGaurangini Rathore (Teresa House), Tanveer Singh (Teresa House), 
Lekhraj Singh ( Dhayanchand House)
3rd PositionHarshil Parihar (Gandhi House), Maheswari Sompura ( Gandhi House)
The competition was a huge success and provided a platform for students to showcase their talents and creativity. It was also an excellent opportunity for them to show their presentation skills and boost their confidence. We look forward to hosting more such events in the future.
दोहा-चौपाई गान प्रतियोगिता
भाषा हमारे मन के भावों के संचार का सबसे सुगम और सार्थक माध्यम है। भाषा के बिना हमारा संप्रेषण अस्पष्ट और अपूर्ण रह जाता है। भाषा का प्रयोग करके, वह जिस किसी प्रारूप में हो, चाहे लिखित या वाचिक, हम प्रस्तुत कथन के वांछित अर्थ को सरलता से समझ पाते है। बालक अपनी मातृभाषा में संकल्पनाएँ बनाता है और धीरे-धीरे परिवेश से जोड़ते हुए अपना दायरा व्यापक बनाता जाता है। इसी अवधारणा में प्रारंभिक शिक्षण व्यवस्था में मातृभाषा को वरीयता दी जाती है। औपचारिक रूप में हिन्दी को भले ही राजभाषा तक ही स्वीकार किया गया हो परंतु सच्चे अर्थों में यह हमारे हृदय की भाषा है, जन-जन की भाषा है। हम राष्ट्र प्रेम में इसे राष्ट्रभाषा ही मानते है, भले ही इसे संवैधानिक दर्जा नहीं दिया गया है। हिन्दी की समृद्धि के लिए सतत् हमारा हर संभव प्रयास रहता है। विद्यार्थियों में समुचित भाषायी दक्षता के लिए हम कटिबद्ध है और इसके लिए पाठ्यक्रम के अतिरिक्त वर्ष भर कईं गतिविधियों का संचालन और आयोजन करते है। साप्ताहिक गतिविधि में 15 अप्रैल को विद्यालय के उच्च प्राथमिक अनुभाग में राजभाषा विभाग में  "दोहा-चौपाई गान" प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें हमारे होनहार विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर सहभागिता निभायी और सराहनीय प्रस्तुतियाँ दी। अध्ययन में रोचकता का सशक्त आधार होने के साथ-साथ, कलात्मक लेखन और भाव संप्रेषण के लिए काव्य विधा का अपना विशेष स्थान है। मानसिक विकास की सबसे महत्वपूर्ण अवस्था में राजभाषा के प्रति विद्यार्थियों की रूचि और उनके उतने ही भावानुकूल गायन-पठन एवं विश्लेषण को देखकर हम भावी अपेक्षित सफलताओं के प्रति आश्वस्त हो सकते है क्योंकि होनहार "विरवान के होत चिकने पात"। धन्यवाद।
दोहा-चौपाई गान प्रतियोगिता परिणाम
प्रथम स्थान - जालम सिंह-सातवीं कक्षा-अ (टैरेसा हाउस)
द्वितीय स्थान - आर्ची अग्रवाल- छठी कक्षा-अ (गांधी हाउस)
तृतीय स्थान - 1.प्रतीक्षा गोयल आठवीं कक्षा-अ (टैरेसा हाउस)
2.कौशलेंद्र कुशवाहा-सातवीं कक्षा-अ (ध्यानचंद हाउस)
छतराराम चौधरी/शिक्षक

Fun Facts and Riddles
What can you catch but not throw? 
WONDER BOX
Social Studies : 
Fatehpur Sikri: Fatehpur Sikri is a city in the state of Uttar Pradesh that was founded by the Mughal Emperor Akbar in the 16th century. It served as the capital of the Mughal Empire for 14 years before it was abandoned due to a lack of water.

The answer to the Riddles
Q) I am not alive, but I grow; I don't have lungs, but I need air; I don't have a mouth, but water kills me. What am I
A) A fire 


Credits               
Coordinators: Jaya Bawal, Divyani Rao, Divyanka Ranawat 
Reporters: Nalini Kunwar Lisha Soni, Ridhima Ojha, Meenakshi Sirvi, Mansi Chouhan
Photographers: Dhruv Parmar, Lakshya Raj Kanwar, Riya Vaishnav, Jaiwardhan Singh
Creative Writers: Jiyaraje Chouhan, Sanyogita Ranawat, Prachi Rao
Hobbyists: Lavishka Rathod, Divya Rathore, Pooja Sodha, Sanket Solanki, Abhilasha Mansion
Editors: Mohita Solanki, Tanisha Malviya, Lavishka Rathore, Hetal Solanki
Resource Agents: Priya Vaishnav, Divya Rathore
Educators in support: Ms. Bharti Rao, Mr. Krishan Gopal, Ms. Prerna Rathod  Ms.Khushi Rao, Ms. Shivani Rao, and Ms. Richa Solanki.

Volume No. 555 Published by The Editorial Board: Mr. Jitendra Suthar, Ms. Jyoti Sain, Mr. Chatra Ram Choudhary,  Mr. Priyadarshan Singh.

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